किस देश के संविधान से क्या लिया गया है ?
भारत का संविधान (Constitution Of India) भारत का सर्वोच्च विधान है। जो संविधान सभा द्वारा 26 नवम्बर 1949 को पारित हुआ तथा 26 जनवरी 1950 से लागू हुआ। 26 नवम्बर को भारत में संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है। भारत का संविधान विश्व का सबसे लंबा लिखित संविधान है |
वर्तमान में इसमें एक प्रस्तावना 12 अनुसूचियों के साथ 25 भाग, 5 परिशिष्ट, 448 अनुच्छेद और 101 संशोधन हैं। लेकिन इसके निर्माण के समय मूल संविधान में 395 अनुच्छेद जो 22 भागो बाँटा गया था भारतीय संविधान मे 8 अनुसूचियां थी।
- आयरलैंड
- ब्रिटेन
- दक्षिण अफ्रीका
- आस्ट्रेलिया
- जर्मनी
- रूस
- कनाडा
- जापान
- अमेरिका
संयुक्त राज्य अमेरिका
मौलिक अधिकार, न्यायिक पुनरावलोकन, संविधान की सर्वोच्चता, न्यायपालिका की स्वतंत्रता, निर्वाचित राष्ट्रपति एवं उस पर महाभियोग, उपराष्ट्रपति, उच्चतम एवं उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों को हटाने की विधि एवं वित्तीय आपात, न्यायपालिका की स्वतंत्रता को अमेरिका के संविधान से लिया गया।
ब्रिटेन
संसदात्मक शासन-प्रणाली, एकल नागरिकता एवं विधि निर्माण प्रक्रिया, विधि का शासन, मंत्रिमंडल प्रणाली, परमाधिकार लेख, संसदीय विशेषाधिकार और द्विसदनवाद को ब्रिटेन से लिया गया है।
आयरलैंड
नीति निर्देशक सिद्धांत, राष्ट्रपति के निर्वाचक-मंडल की व्यवस्था, राष्ट्रपति द्वारा राज्य सभा में साहित्य, कला, विज्ञान तथा समाज-सेवा आदि के क्षेत्र में व्यक्तियों को सम्मनित करना आयरलैंड से लिया गया है।
ऑस्ट्रेलिया
प्रस्तावना की भाषा, समवर्ती सूची का प्रावधान, केंद्र एवं राज्य के बीच संबंध तथा शक्तियों का विभाजन, व्यापार-वाणिज्य और संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को ऑस्ट्रेलिया के संविधान से लिया गया है।
जर्मनी
आपातकाल के दौरान राष्ट्रपति के मौलिक अधिकार संबंधी शक्तियां, आपातकाल के समय मूल अधिकारों का परिर्वतन जर्मनी से लिया गया है।
कनाडा
संघात्मक विशेषताएं, अवशिष्ट शक्तियां केंद्र के पास, केंद्र द्वारा राज्य के राज्यपालों की नियुक्ति और उच्चतम न्यायालय का परामर्श न्याय निर्णयन कनाडा से लिया गया है।
दक्षिण अफ्रीका
संविधान संशोधन की प्रक्रिया प्रावधान, राज्यसभा में सदस्यों का निर्वाचन दक्षिण अफ्रीका के संविधान से लिया गया है।
सोवियत संघ (रूस)
मौलिक कर्तव्यों का प्रावधान, मूल कर्तव्यों और प्रस्तावना में न्याय (सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक) का आदर्श सोवियत संघ से लिया गया था। यहां हम पूर्व इस लिए लिख रहे हैं क्योंकि सोवियत संघ 1991 में कई राष्ट्रों में टूट गया था।
जापान
विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया को जापान से लिया गया है।
फ्रांस
गणतंत्रात्मक और प्रस्तावना में स्वतंत्रता, समता, बंधुता के आदर्श को फ्रांस से लिया गया है।
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